Wednesday, January 11, 2012

( युवा दिवस ) आज का युवा : .... जिस्मफरोशी और नशा ......>>> संजय कुमार

आज हमारे टेलीविजन सीरियल और विज्ञापनों ने आज की नारी को एकदम बिकाऊ बना दिया है ! आज के लगभग सभी विज्ञापनों में नारी नुमाइश जबरदस्त तरीके से की जा रही है ! तेल , साबुन, क्रीम , बिस्कुट , सीमेंट ..... यहाँ तक की शराब , वियर , सोडा तक के विज्ञापनों में नारी का इस्तेमाल किया जा रहा है ! गौर करने वाली बात ये है कि , आज नारी को नशे की दुनिया में भी सबसे ज्यादा दिखाया जा रहा है ! आप कोई भी डेली सोप सीरियल उठा कर देख लीजिये नारी के हाँथ में शराब का गिलास अवश्य होगा ! बड़ी- बड़ी पार्टियों में , डिस्को-थेक में , क्लबों में , नशे की गिरफ्त में , नशे के बाजार में आज नारी को दिखाया जा रहा है ! शायद ये शहरी चकाचौंध का ही नतीजा है ! ये तो सिर्फ डेली सोप सीरियल हैं किन्तु वास्तविकता इनसे कहीं ज्यादा ख़राब और चिंतित करने वाली है ! आज मैं जिस नशे की बात कर रहा हूँ वो नशा हमारे देश के युवाओं की नशों में खून बनकर दौड़ रहा है ! शराब , बीडी -सिगरेट, ड्रग्स, तम्बाखू और सभी तरह के मादक पदार्थ ये सभी चीजें अब आम बात हो गयी है ! ये सभी चीजें आज के युवाओं में रोजमर्रा की चीजें हो गयी हैं ! आज कल के युवाओं को अब एक नए नशे की लत लगती जा रही है और वो नया नशा है जिस्म का नशा ! जिसे हम जिस्मफरोशी के नाम से जानते हैं ( पोर्न फिल्मों का बढता क्रेज ) जो हमारे युवाओं में आज का फैशन बनता जा रहा है ! लड़का हो या लड़की इस नशे के जाल में दिन - प्रतिदिन फंसते जा रहे हैं ! इसका उदाहरण आजकल रूपसज्जा पार्लर और वियर बार की आड़ में जिस्मफरोशी में पकडे गए युवा- युवतियों को देखकर आप इस बात का अंदाज़ लगा सकते हैं कि , आज इस नशे के बाजार की पकड़ कितनी मजबूत है ! इस नशे का जाल अब इतना फ़ैल गया है कि , जिससे बाहर आना आज के भटके हुए युवा का मुश्किल ही नहीं नामुमकिन सा लगता है ! एक रिपोर्ट के अनुसार आज हमारे देश के चार बड़े महानगरों में स्थिती बहुत ही चिंतनीय एवं विचारणीय है ! १५ से २० साल के बच्चों में या अभी-अभी जवानी की दहलीज पर कदम रखने वाले युवाओं में नशे की लत इतनी तेजी से अपने पैर फैला रही है या उन्हें पूरी तरह से अपनी गिरफ्त में ले चुकी है ! किसी भी माँ-बाप के लिए ये बड़ा ही चिंतनीय एवं होश उड़ाने वाला बिषय है ! जब बच्चे बाहर की दुनिया में जाकर अपना नाम कमाने के लिए अपने घर की चारदीवारी से बाहर निकलते हैं तो उस वक़्त माँ-बाप बच्चों पर विश्वास कर ही उनको पूरी आजादी देते हैं ! क्योंकि हर माँ-बाप अपने बच्चों पर विश्वास रखते हैं ! किन्तु आज के ये बच्चे उनके विश्वास के साथ विश्वासघात करने से भी नहीं चूकते ! महानगरीय युवा हो या छोटे शहरों का युवा , जन्म-दिन की पार्टी हो , कोई त्यौहार हो , कोई ख़ुशी हो, या गम भी हो तो भी इन्हें सिर्फ नशा चाहिए ! शहरी आधुनिकता की चकाचौंध में ये युवा इतने पागल से हो गए हैं कि , इन्हें अपना अच्छा बुरा भी समझ नहीं आता ! मानो नशे की दुनिया ही इनके लिए सब कुछ है ! इन युवाओं में एक होड़ सी लगी है अपने आप को अति आधुनिक बनाने की ! एक कडवा सच ये भी है कि " आज लड़कियां भी इन लड़कों से इन मामलों में किसी भी बात में पीछे नहीं हैं " आज लड़कियां भी इस पद्धति को अपनाकर नशे के तालाब रुपी दलदल में धंस रहीं हैं और पुरुष के साथ कंधे से कन्धा मिलकर चल रही हैं ! कुछ अपने शौक को पूरा करने के लिए , तो कुछ एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए नशे का इस्तेमाल करती हैं ! लेकिन नशा करने वाले ये युवा यह नहीं जानते की इनके नशा करने से ये किस और जा रहे हैं ! जब इन भटके हुए युवाओं का कोई फायदा उठाता है तो हमारे सामने ऐसे परिणाम आते हैं जो इन युवाओं के लिए और इनके परिवारों के लिए ऐसे जख्म या नासूर बन जाते हैं जिनकी पीड़ा इनके दिलों दिमाग से जीवन भर नहीं मिटती ! पूर्व में भी धर्म की आड़ में जिस्मफरोशी करते हुए कई युवतियां पकड़ी गयीं ! धर्म की आड़ में इन युवतियों का खुलकर इस्तेमाल किया गया , कुछ मर्जी से तो कुछ मजबूरी बश ! हमारे देश में नशा और जिस्मफरोशी का कारोबार बहुत बड़ा है ! यह स्थिती सिर्फ हमारे महानगरों की ही नहीं है बल्कि यह स्थिती और हालात अब पूरे देश में धीरे -धीरे बड़ रहे हैं या अपने पैर पूरी तरह फैला चुके हैं ! बड़े - बड़े शहरों से निकलकर यह नशा अब हमारे छोटे-छोटे शहरों , कस्बों और गांवों में तेजी से फ़ैल रहा है ! स्थिती ये है की शहरों में कूड़ा -करकट बीनने वाले १० से १५ साल के बच्चे तक, आज नशा कर रहे हैं ! बीडी -सिगरेट तो उनके लिए आम बात हैं ! अब वह इससे भी बड़ा नशा करने लगे हैं ! नशा करने के नए नए तरीके ढूँढने लगे हैं ! ऐसे बच्चों का तो मान सकते है की बह समझदार नहीं हैं या पढ़े-लिखे नहीं हैं ! उनके सिर पर ना किसी का हाँथ है और ना छत ! किन्तु आज बड़ी-बड़ी डिग्रियां हांसिल करने वाले युवा नामी-गिरामी महाविद्यालयों में पढ़ने वाले युवा भी सब कुछ जानते हुए भी नशे के इस बाजार में अपनी आमद दर्ज करा रहे हैं ! यह देखकर बड़ा आश्चर्य होता है !
जिन माँ-बाप के बच्चे उनसे दूर रहकर महानगरों में पढ़-लिख रहे हैं ! उन माँ-बाप को अब इस ओर ध्यान देना होगा की कहीं उनके बच्चे उनके द्वारा दी गयी आजादी का कहीं गलत फायदा तो नहीं उठा रहे हैं ! अगर देश का युवा जो इस देश का भविष्य भी है , इसी तरह नशे में डूबा रहेगा तो क्या होगा उनके भविष्य का या इस देश के भविष्य का ?
देश के युवाओं जरा सोचिये ............ जरूर सोचिये ................

धन्यवाद

7 comments:

  1. नशा आज की सबसे बड़ी महामारी है जिसका प्रमाण आये दिन बड़ी-बड़ी घटनाओं के रूप में दिख ही रहा है . बच्चों को बचाने की पहली जरुरत है . विचारणीय आलेख..

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  2. ye bakai ek gambir samasya hain, aur iska sabse bada karan hain ki log ise fashion aur mojmasti se sadhan ke roop me dekh rahe hain.hame apna najariya badlana hoga.

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  3. दोनों से ही बचना होगा।

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  4. Kya kiya jaa sakta hai iskee rokthaam ke liye? Kuchh bhee to nahee...

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  5. यह बीमारी हर जगह तेजी से अपना पैर फैलती ही जा रही है ....विचारणीय मुद्दा

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  6. विचारणीय गहरा कटाक्ष है .. सुन्दर

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  7. जब नशा करना समाज में फैशन बन जाए तब क्‍या किया जाए?

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