Thursday, September 1, 2011

दाग अच्छे हैं, या बुरे .....>>> संजय कुमार



सर्वप्रथम समस्त ब्लोगर साथियों को प्रथम पूज्य " श्री गणेश " चतुर्थी की बहुत बहुत बधाई एवं ढेरों शुभ-कामनाएं ! " श्री जी " की स्थापना कर सदा उनका प्रेम और आशीर्वाद पायें ! ------------------------------------------------------------------- जब हम सब छोटे थे तो हमारी माँ अक्सर एक बात अवश्य बोलतीं थीं और डांटती भी थीं कि , बेटा ऐसे मत खेलना की कपडे गंदे हो जाएँ या फिर उन पर कोई दाग लग जाये ! जब हम स्कूल जाते थे तब भी " माँ " एक बात विशेष रूप से बोलती थी समझाती थी " बेटा सड़क पर ठीक ढंग से चलना , कपड़ों पर धुल - मिटटी का दाग ना लग पाए वर्ना मास्टरजी बहुत डांटेंगे , और अगर गलती से सफ़ेद शर्ट पर कोई दाग लग जाता था तो " मास्टरजी " बहुत डांटते थे ! घर आने पर " माँ " भी जब कपड़ों पर दाग देखती थीं तो वो भी डांटा करती थी ! और कहती थी " बेटा दाग अच्छे नहीं होते वो हमको असंस्कारी बनाते हैं ! एक बात हमेशा याद रखना की तुम पर जीवन में कभी कोई दाग ना लगे ! उस वक़्त हम सब माँ की बात को अनसुना कर देते थे और बचपन की मस्ती में मस्त होकर खूब खेला करते थे और धूल- मिटटी से अपने कपड़ों पर कई बार दाग भी लगा लेते थे ! युवावस्था में भी माँ - बाप हमको यही समझाते रहते हैं , कि , बेटा ऐसा कोई काम मत करना जिससे तुम्हारी बदनामी हो या हमें शर्मिंदगी उठानी पड़े , ऐसा कोई काम मत करना कि , जीवनभर के लिए हमारे दामन पर कोई दाग लग जाये ! क्योंकि बिना दाग वाले इंसान की पहचान सभ्य लोगों में होती है और दागदार दामन वाले इंसान को हम सभी बुरी नज़र से देखते हैं ! " माँ " ठीक भी कहती थी दाग अगर आपके कपड़ों पर लग जाये तो सब आपको बुरी नजर से देखते हैं कि , कैसा लड़का है इसके कपड़ों पर लगा दाग कितना भद्दा लग रहा है ! किन्तु बचपन में जो दाग कपड़ों और शरीर पर लगते थे तो वो दाग पानी से साफ़ भी हो जाते थे ! जब हम बड़े हुए तो दाग लगने का महत्त्व भी अच्छे से जानने लगे ! शरीर या बाहरी आवरणों या कपड़ों पर लगा हुआ दाग तो आसानी से धुल जाता है और निशान भी एक समय के बाद चला जाता है ! किन्तु इंसान के चरित्र पर जब कोई दाग लगता है तो वो दाग इंसान के जीवन पर्यंत तक बना रहता है ! जब तक इंसान की सांस चलती है तब तक चरित्र पर लगा हुआ दाग इंसान का पीछा नहीं छोड़ता ! इंसान की सौ अच्छाइयों पर जिस तरह एक बुराई भारी पड़ जाती है ! ठीक उसी प्रकार भगवान् की तरह पूजे जाने वाले महात्मा पुरुष के चरित्र पर जब कोई दाग लगता है तो वो, महात्मा से शैतान बन जाता है , वो कितनी भी सफाई दे उसके चरित्र पर लगा दाग उसे जल्द मुक्त नहीं करता ! शायद ही इस प्रथ्वी पर कोई ऐसा इंसान हो जिसके जीवन में उसके चरित्र पर उसके दामन पर कोई दाग ना लगा हो , ( जिनके चरित्र पर दामन पर आज तक कोई दाग नहीं लगा वो आज अपवाद है ) क्योंकि इंसान को उसके जन्म से लेकर मृत्यु तक एक लम्बा और कठिनाइयों भरा जीवन जीना होता है और जाने अनजाने उसके साथ बहुत कुछ अच्छा - बुरा भी होता है ! कई बार जाने अनजाने इंसान बड़ी - बड़ी गलतियाँ कर बैठता है ! कुछ याद रखते हैं कुछ भूल जाते हैं ! ये सब जानकार सुनकर लगता है कि , दाग बुरे होते हैं !


किन्तु आज मैं अपने चारों तरफ जब देखता हूँ तो हर जगह मुझे ऐसे ही लोग दिखते हैं जिनके दामन पर कई दाग हैं और इन दागों के साथ वो आज सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ते चले जा रहे हैं ! आज देश में ऐसे लोगों की संख्या बहुत है जिनका दामन कहीं ना कहीं दागदार है और यही दाग उनको सफलता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं ! आज हर क्षेत्र में ऐसे लोगों का बोलबाला है ! राजनीति आज पहले पायदान पर है ! जिस नेता पर जितने दाग उसकी प्रसिद्धि उससे कहीं ज्यादा ! आज धर्म का प्रचार करने वाले साधू-संत भी कहीं ना कहीं इस दौड़ में शामिल हैं ! यदा कदा उनके चरित्र भी दागदार हुए हैं ! आज देश में भ्रष्टाचारी , घोटालेबाज , बड़े - बड़े अफसर , मंत्री - संत्री , जज , वकील , डॉक्टर , शिक्षक सभी के दामन पर दाग हैं ! शायद दामन पर लगे हुए दाग ही इनकी मुख्य पहचान हैं ! आज लगता है सफलता पाने का ये नया फार्मूला अपने चरम पर है ! जब तक आपके दामन पर कोई दाग ना लगा हो तब तक शायद आपकी कोई पहचान ना हो ! अब आप ही बताएं की सफलता पाने के लिए दामन पर दाग लगा होना क्या आवश्यक है ?


दाग अच्छे हैं या बुरे .......... ( एक छोटी सी बात )


धन्यवाद

10 comments:

  1. ये इस बात पर निर्भर करता है कि सफ़ल होना किसे मानते हैं।

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  2. आज देश में ऐसे लोगों की संख्या बहुत है जिनका दामन कहीं ना कहीं दागदार है और यही दाग उनको सफलता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं !

    दागों से भौतिक और क्षणिक अफलता अर्जित की जा सकती है .....लेकिन वास्तविक सफलता नहीं ....इसलिए दाग किसी भी तरह के हों हमेशा बुरे ही हैं ......!

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  3. दशा चाहें जो भी हो वर्तमान में, यदि दिशा दुरुस्त होगी तो सब सार्थक हो जायेगा।

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  4. तभी तो फार्मूला बनाया गया कि दाग अच्‍छे हैं। समय समय का फेर है, कभी दागविहीन व्‍यक्तियों के दिन भी आएंगे। आशान्वित रहें।

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  5. एक न एक दिन सबको हिसाब तो देना होगा .......... गणेश चतुर्थी की बधाई ...

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  6. वक्त के साथ सब बदलता है।

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  7. ab daag achhe hone lage hain ... aapne wakai bahut hi badhiya likha hai

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  8. सच को प्रतिबिम्बित करती बेहतरीन रचना...

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