Tuesday, April 20, 2010

देर से ही सही पर मिल गया इंसाफ...(जेसिका लाल )...>>> संजय कुमार


आखिर इस अंधे कानून के द्वारा ठीक ११ साल बाद जेसिका लाल के परिवार को इंसाफ मिल ही गया ! अब होगी सही श्रधांजलि जेसिका लाल को ! पर यह कैसे हो गया, कौन है जिसने इतनी मेहनत की, इंसाफ दिलाने मैं, शायद इसका श्रेय हमारे अख़बार या मीडिया बालों को जाता है ! आखिर यह एक चर्चित मामला जो था ! जिस पर हमारे देश के कितने ही लोगों की नजरें थी ! सो कानून के द्वारा इंसाफ मिल ही गया ! अगर इस तरह का केश दिल्ली के अलाबा किसी छोटी मोटीजगह हुआ होता तो क्या इंसाफ मिल पाता ! ? आज हमारे देश मैं ऐसे लाखों मामले हैं जो पिछले बीस बीस सालों से चले आ रहे हैं, पर आज तक जिनका कोई फैंसला नहीं हुआ , यहाँ तक की कई मामलों मैं तो पीड़ित की मृत्यु तक हो चुकी है , पर मामला विचाराधीन हैं ! जेसिका लाल और उस जैसे कई मामलों मैं अगर इंसाफ मिला तो, इसका एक बड़ा कारण है, फरियादी और मुजरिम दोनों ही कहीं न कहीं कोई बड़ी हस्तियाँ थी या बड़ी हस्तियों से जुड़े थे ! इसलिए यह मामला इतना चर्चा मैं था ! आज तक वही मामले प्रकाश मैं आये हैं , जिन मामलों कहीं ना कहीं कोई high-porfile या ऊंचा रसूखदार , या बड़ा नेता , या कोई business men या कोई बड़ा आदमी शामिल होता है ! पर जिन मामलों ऐसी कोई हस्ती शामिल नहीं होती , क्या वह इंसाफ के लिए नहीं बने ? आज बहुत से लोग दर दर भटक रहे हैं इंसाफ की लिए ! पर इंसाफ आज तक नहीं मिल पाया ! यह सच है ! हम लोग यह सब देख रहे हैं ! आज कितने ही मामले अदालत तक नहीं पहुँच पाते, कारण वह छोटा आदमी या जिसके पास कोई बड़ी पहुँच नहीं है ! आज हमारा कानून कितना लाचार है , आज क्या कारण है की इंसाफ मिलने मैं लोगों को इतना लम्बा इंतजार करना पड़ता है ! इतना इंतजार की उनके जख्म और उनकी आँख के आंसू पूरी तरह सूख जाते हैं ! और मरने बाले की आत्मा इंसाफ के लिए यूँ ही तड़पती रहती है !
हमारे अख़बार और मीडिया भी बही मामले उठाती है , जिनमे पब्लिसिटी ज्यादा होती है ,
वो सारे मामले इसी तरह उठाये जाएँ जिनमे इंसाफ मिलना जरूरी है ! तभी हम कहेंगे की कानून अँधा नहीं होता !
वर्ना कानून तो अँधा है ही और उसका इंसाफ भी .........................
सत्यमेव जयते.......................... सत्यमेव जयते


धन्यवाद

1 comment:

  1. आपकी चिंता बिलकुल जायज़ है.. सिर्फ ४ बड़े और चर्चित केसों के नतीजे आ जाने से सबको न्याय नहीं मिल सकता. कभी कभी तो लगता है कि भारत की न्याय व्यवस्था में अभी तक देर भी है और अंधेर भी.

    ReplyDelete